राम: Arati Tripathi





राम तुम्हारी अयोध्या में

आज धूम मची है भारी

सबको बुलाया प्रभू आपने

बता दो कब है मेरी बारी

कब होंगे मुझे दर्शन तुम्हरे

कब आस की प्यास बुझेगी

सब पर कृपा बरसाने वाले

कब मुझपर कृपा बरसेगी

हे अराध्य मेरे हे अवतारी

हे तीनों लोकों के रखवारे

अब टारो विपदा हमारी

तुमसे ही जग में है उजियारा 

है अंधियारा तुम्हरा दास

जग के सारे नाते झूठे मूठे

बस है सच्ची तुम्हारी आस

जय हो कशिल्या नंदन

जय जय हो राम तुम्हारी

 

आरती त्रिपाठी 

सीधी मध्य प्रदेश