धर्म परिवर्तन कर युवक ने की मुस्लिम समुदाय के युवती से शादी फिर धक्के मारकर घर से किया बेघर नहीं मिल रहा पीड़िता को न्याय

धर्म परिवर्तन कर युवक ने की मुस्लिम समुदाय के युवती से शादी फिर धक्के मारकर घर से किया बेघर नहीं मिल रहा पीड़िता को न्याय


रिपोर्ट :- बाल्मीकि वर्मा 



लखनऊ। मायके से दहेज न लाने व बार-बार ताना देने से परेशान विवाहिता ने लखनऊ कोतवाली थाना कृष्णा नगर में इंस्पेक्टर को दी शिकायत में बताया कि वर्ष 2016 की 28 मई को लखनऊ जनपद निवासी शैलेंद्र अग्रिहोत्री ने अपना असली नाम छिपाकर ऐशबाग की कर्बला में मौलाना की उपस्थिति में उससे निकाह किया था। उसने अपना नाम अजान अली बताया था। निकाह के बाद वे दोनों सुखी जीवन गुजर बसर कर रहे थे। शिकायत में पीडि़ता ने बताया कि शैलेंद्र की मां कुसुम अग्रिहोत्री बीच-बीच में आकर उसे दहेेज न लाने का ताना देकर तरह-तरह से प्रताडि़त करती थी। इसके बावजूद भी वे दोनों सुख से रहे थे। इसी दौरान उसके पति ने अपनी आर्थिक समस्याओं का हवाला देकर मायके से मिले उसके जैवरात बेच दिए, जिनकी कीमत लगभग 5 लाख रुपए थी। एक वर्ष पूर्व एक औरत आरती त्रिपाठी उसके घर आई, जिसके साथ 12 वर्ष का लडक़ा और 18 वर्ष की लडक़ी थी। औरत ने घर में आते ही उसे गंदी-गंदी गालियां देनी शुरु कर दी तथा उसे जान से मारने की धमकी देने लगी। औरत का कहना था कि शैलेंद्र उसका पति है। पीडि़ता का आरोप है कि आरती व कुसुम अग्रिहोत्री ने उसके बाल पकडक़र उसके साथ मारपीट की तथा उसे घर से निकाल दिया। बचे हुए जैवरात व नगदी उसकी मकान में रखवा दिए। तब शैलेंद्र ने आरती त्रिपाठी को अपनी पूर्व पत्नी बताते हुए माफी मांगने लगा और कहा कि मैंने अपने पत्नी के विरुद्ध तलाक का मुकदमा अदालत के समक्ष दायर किया है। तलाक का फैसला होते ही मैं आपसे हिंदू रीति रिवाज के अनुसार आर्य समाज मंदिर में विवाह कर लूंगा। पीडि़ता ने बताया कि इसके बाद शैलेंद्र उसके साथ रहने लगा। कुछ समय बाद वर्ष 2018 की 28 मई को शैलेंद्र ने बताया कि पूर्व पत्नी से उसका तलाक हो चुका है। अब हम हिंदू रीति रिवाज के अनुसार आर्य समाज मंदिर में आपका नाम परिवर्तित कराकर हिंदू धर्म स्वीकार कराकर विवाह कर लेंगे तथा आराम से अपने कृष्णा नगर वाले मकान में रहेंगे। पीडि़ता का नाम परिवर्तित कराकर निशा अग्निहोत्री के नाम से आर्य समाज मंदिर अलीगंज में विधिवत विवाह कर लिया। विवाह के बाद मानस नगर नारायणपुर कृष्णा नगर जनपद लखनऊ में पति-पत्नी के रूप में रहने लगे। पीडि़ता जब गर्भवती हो गई तब उसको अच्छी सेहत बता कर लाई हुई दवाइयां खिलाने लगा। जब अचानक पीड़िता की तबीयत खराब हुई, तब उपचार हेतु अल्ट्रासाउंड के लिए ओझा हॉस्पिटल गोमती नगर में कार्यरत अपने मित्र ऐश्वर्य दुबे के साथ में डा. कुमुदिनी के पास ले गए। वहां जान को खतरा बताते हुए शैलेंद्र को डांटने लगी कहा कि आपने अपनी पत्नी एवं गर्भ में पल रहे बच्चे की हत्या के लिए दवाइयां खिलाई है। शैलेंद्र अपनी गलती मानने लगा। और डाक्टर द्वारा पीडि़ता को बेहोश कर गर्भपात करा दिया गया। पीडि़ता ने आरोप लगाए कि उसके बचे सोने के जैवरात गिरवी रख दिए गए तथा उसको देह व्यापार करने को विवश किया गया। जब ऐसा घृणित एवं अनैतिक कार्य करने से उसने एकदम मना कर दिया तो 12 फरवरी 2019 को मारपीट कर घर से यह कहते हुए निकाल दिया कि अपने मायके से व्यवसाय करते हुए दहेज में 10 लाख रुपए लेकर आना वरना पूर्व पत्नी की तरह तुमसे भी तलाक ले लेंगे। यदि कहीं पुलिस में मेरे खिलाफ शिकायत की तो तुम्हें जान से मार देंगे। उन्होंने शिकायत में गुहार लगाई कि वह न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है। शैलेंद्र ने उसके साथ धोखाधड़ी कर यौन शोषण किया। उसे न्याय दिलाया जाए